
वाराणसी: सोनभद्र जनपद में घोरावल कोतवाली क्षेत्र के ग्राम उभ्भा में जमीन विवाद में गत बुधवार, 17 जुलाई को मारे गए दस लोगों के परिजनों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को रोकने के लिए शुक्रवार को वाराणसी के 3 एएसपी, 5 सीओ और 12 थानेदारों के अलावा पुलिस लाइन से फोर्स बुलाई गई थी।
शुक्रवार को पहुंचीं प्रियंका को नरायनपुर से पहले रामनगर में टेंगरा मोड़ पर ही रोकने की तैयारी थी। इसके मद्देनजर उनके आगमन से लगभग डेढ़ घंटे पहले ही डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी आनंद कुलकर्णी भारी पुलिस बल के साथ बीएचयू ट्रोमा सेंटर पहुंच गए थे।
टेंगरा मोड़ पर प्रियंका का काफिला रोकने में सफलता नहीं मिली तो तीन एडिशनल एसपी, पांच सीओ और 12 थानेदारों के अलावा पुलिस लाइन से आई फोर्स ने नरायनपुर चौकी के सामने मिर्जापुर पुलिस के साथ नाकाबंदी की।
प्रियंका का काफिला नरायनपुर पुलिस चौकी के सामने पहुंचा तो भारी पुलिस बल और बैरिकेडिंग देख कर एसपीजी के अधिकारियों ने उनका वाहन रोक दिया। इसके साथ ही एसपीजी के अधिकारियों ने अपने हेडक्वार्टर को प्रियंका को रोके जाने की जानकारी दी।
आगे बढ़ने से रोके जाने पर प्रियंका सड़क पर धरने पर बैठ गईं तो एसपीजी ने उन्हें घेर लिया। प्रियंका तीखी धूप में भी करीब एक घंटे तक सड़क पर ही बैठी रहीं। इस दौरान वाराणसी से सोनभद्र मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद रही।
लगभग एक घंटे बाद प्रियंका अपने वाहन में सवार होकर फिर आगे बढ़ीं तो पुलिस ने दोबारा घेरेबंदी की और कांग्रेस नेताओं को सड़क पर से जबरन उठा कर नरायनपुर चौकी ले जाया गया। इसके बाद प्रियंका को उनके वाहन से उतार कर एसडीएम चुनार की गाड़ी में बैठाया गया और पुलिस अभिरक्षा में चुनार गेस्ट हाउस भेज दिया गया।