
पुलिस अधिकारियों को भी बता डाली घूसखोर,
संत कबीर नगर 13 मार्च 2024 महिला थाना के उप निरीक्षक तनुजा सिंह पत्रकारों की लगाई बोली पर बडबोल में यहां तक कह दिया समोसे और चाय पर बिकते हैं पत्रकार किसी भी खबर नबीस को ₹10000 दे दिया जाए तो जैसा खबर चाहिए वैसा खबर का प्रकाशन करा सकते हैं,
बताते चलें कि प्रेस को चौथा स्तंभ न बताकर तीसरा स्तंभ बताने पर आमद हो गई यहां तक की सवाल के जवाब में महिला उपनिरीक्षक तनुजा सिंह ने नसीहत देते हुए का डार्लिंग के आज का पत्रकार बिक चुका है जो समोसे और चाय पर बिक जाता है पत्रकार अपने हेलमेट के लिए भी लाइन लगा करके खड़े रहते हैं हेलमेट पानी के बाद उसकी सी के गुणगान में लग जाते हैं अपने रास्ते से भटकती नजर आ रही है पत्रकारिता किस पत्रकार की बात कर रहे हैं इतना ही नहीं विभागीय बातों को भी अपने बाद बोल पान में कर डालेंगे की एक थानवी के इंचार्ज पद पर नियुक्ति के लिए कप्तान तक पैसा लेकर उसको पद मुहिया करता है इतना ही नहीं ट्रैफिक है लगा है ट्रैफिक सिपाही कृष्णानंद पांडे जो हाल ही में संत कबीर नगर से आया है जो महा चोर है रेडी पटरी वालों से भी लिट्टी और समोसे चाय फ्री में खा लेता है नहीं देता है पैसा, खबर नवीस के सवाल पर की सोशल और पोर्टल मीडिया कितना भी हो जाए लेकिन प्रिंट मीडिया का वजूद हमेशा रहा है और रहेगा इस सवाल के जवाब पर मैडम ने कहा कि प्रिंट मीडिया तभी बंद हो सकता है जब देश का प्रधानमंत्री तानाशाह हो जाए और इन पर अंकुश लगाकर अखबारों को बंद कर दें, जब कि देश और प्रदेश की सरकार मीडिया को चौथा स्तंभ मानती क्योंकि सरकार के उपलब्धियां जन कल्याणकारी योजनाओं को प्रचार प्रसार करते हुए अंतिम पायदान पर बैठे हुए व्यक्ति तक पहुंचने का काम करती है इतना ही नहीं जिसको सुप्रीम कोर्ट भी यह मान चुकी है कि पत्रकार भीड़ का हिस्सा नहीं है और ना ही पुलिस उसकी भीड़ का हिस्सा माने उनको अपने काम को करने के लिए पुलिस अपना सहयोग प्रदान करें लेकिन सुप्रीम कोर्ट के उसे आदेश को भी उपस्थित महिला थाने में तैनात महिला दरोगा तनुजा सिंह ने दरकिनार करते हुए पत्रकारों के साथ-साथ अपने विभागीय अधिकारियों पर उठा दी उंगली यहां तक का डाली की पैसा है तो सब कुछ हो सकता है ट्रांसफर से लेकर चौकीदार को भी अधिकारी नामित कर देता है हमारी पुलिस प्रशासन व्यवस्था और इस व्यवस्था से मैं ऊब चुकी हूं अगर दम है तो आप लोग इसको खबर बना करके लिखें जहां एक तरफ पत्रकार को समोसा और चाय पर बिकने वाले जैसे की श्रेणी में लाई वहीं दूसरी तरफ में मनुहार कर रही हैं कि हमारे पुलिस प्रशासन में फैली हुई गंदगी को आप उजागर करें तो जाने, मैं जानती हूं किइसको नहीं लिखेंगे |
रिपोर्ट के के मिश्रा