

कानपुर, फरवरी को झाँसी से लखनऊ के लिए चली निर्भीक कदम यात्रा का पड़ाव कानपुर पहुँचा, इस यात्रा में 35 महिलाएं पैदल मार्च कर रही हैं जो झाँसी स्थित झलकारी बाई के जन्म स्थान भोजला से चलकर लखनऊ लगभग 350 किमी0 की पदयात्रा कर 02 मार्च को पहुँच कर समाप्त होगी यहाँ आज कानपुर में हरिहरनाथ शास्त्री भवन, खलासी लाइन में ‘नागरिक समाज (सिविल सोसायटी) के साथ सम्पर्क और संवाद कार्यक्रम का आयोजन सायं 4.00 बजे शुरू हुआ, यहाँ यात्रा का स्वागत लोक सेवक मंडल की तरफ से अध्यक्ष दीपक मालवीय, कार्यक्रम संयोजक सुरेश गुप्ता, जगदम्बा भाई, विजय चावला, देव कबीर, हेमा पटेल ने किया।कार्यक्रम में यात्रा के उद्देश्य पर बोलते हुए यात्रा की संयोजक सुश्री ऊषा विश्वकर्मा ने कहा कि यह यात्रा, आजादी के आंदोलन से आज तक के सफर में महिलाओं के शौर्य, त्याग, बलिदान, और उनके संघर्षो को आमजनों तक पहुँचाना याद दिलाने के लिए है वर्तमान में महिलाओं को इंसाफ दिलाने, उनकी उचित भागीदारी सुनिश्चित करने, स्वभिमान जगाने की यह ‘निर्भीक कदम यात्रा है, स्वतंत्रता आंदोलन के पिछले 75 वर्षो में बहुत सी बेनाम महिलाएं देश और समाज के लिए कुर्बान हुई जिनको भारतीय जनमानस और रक दोनों को हर पर उचित सम्मान मिलना चाहिए था वह अभी बाकी है।