
संतकबीरनगर, 29 जुलाई 2025
विकास भवन के एक साहच की कार्यशैली इस दिनों पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी है। सचिव से लेकर प्रधान तक जहां इससे परेशान है, वहीं अब प्रधानों में आक्रोश भी पनपने लगा है। लेकिन रसूखदार साहब के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। वे अपने कार्यालय के एक लिपिक से धड़ल्ले से वसूली कराने में जुटे हुए हैं। वसूली के लिए लिपिक का फोन सचिवों के पास पहुंच रहा है। कई गांवों से धनराशि पहुंच भी गई है। यह मांग उनहों गांवों के प्रधानों और सचिव से की जा रही है जहां पर ग्राम चौपाल का आयोजन होना है। जिले के कुल 198 ग्राम पंचायतों में अलग-अलग दिवस ग्राम चौपाल का कार्यक्रम नारी
ग्राम चौपाल आयोजन के नाम पर एक लिपिक के जरिए की जा रही मांग 198 ग्राम पंचायतों में निर्धारित किया गया है ग्राम चौपाल का कार्यक्रम
ग्राम चौपाल के आयोजन का उद्देश्य गांव-गांव में पहुंचकर वहां की समस्याओं से रूबरू होना और योजनाओं की हकीकत देखते हुए पात्रों को लाभ दिलाना है। धनराशि मांगे जाने की अभी तक कोई शिकायत मुझे प्राप्त नहीं हुई है। इस तरह का प्रकरण बेहद गम्भीर है। यदि किसी के साथ ऐसा हुआ है तो वे तत्काल शिकायत करें। जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी ,
चार जुलाई 2025 से 25 सितम्बर 2025 के बीच कुल 198 ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपाल के आयोजन का कार्यक्रम जारी हुआ है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि गांव स्तर पर अधिकारी पहुंचे और ग्रामीणों से सीधे रूबरू हों। उनकी समस्याओं को सुनें, उसका
की निराकरण कराएं और योजनाओं समीक्षा करें। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। ग्राम चौपाल प्रत्येक शुक्रवार के एक ब्लाक की दो ग्राम पंचायत में आयोजित होती है। अभी 72 ग्राम पंचायतों में चौपाल आयोजित हो चुकी है। अब अगली चौपाल एक अगस्त को नौ ब्लाक की कुल 18 ग्राम पंचायतों में होनी
है। इस बीच विकास भवन के एक लिपिक का फोन साहब के निर्देशानुसार सचिवों के पास पहुंच रहा है। ग्राम चौपाल के लिए धनराशि की डिमांड उक्त साहब के नाम पर की जा रही है। 10 हजार से लेकर 50 हजार तक लिए जाने की चचा जोरों पर है। आखिर वह सब है कौन जो पर्दे की आड़ में लिख रहा है स्क्रिप्ट बचा रहा है अपने बाबू को, जनपद के उत्तरांचल क्षेत्र के एक ब्लाक के सचिव ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि उनके साथ ही सभी सचिवों पर विकास भवन के लिपिक काम फोन आ रहा है। एक अधिकारी कार हवाला देकर धनराशि मांगी जा रही है। विकास भवन में भी इसकी चर्चा खूब हो रही है। अधिकारियों के साथ ही कार्यालय के कर्मचारियों में उक्त साहब का और लिपिक के गठजोड़ की बाते हर कोई दबी जुबान करते नजर आ रहा है। इन सभी भ्रष्टाचार को पनाह देने वाला और साइड में स्क्रिप्ट लिखने वाला आखिर कौन है अधिकारी कौन बचा रहा है उसे बाबू को जो अपने पटल का नाजायज फायदा उठाकर लोगों को गुमराह करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त है,
के के मिश्रा जर्नलिस्ट