
जद्दोजहद जनपद की पत्रकारिता मे ताक पर पत्रकार !
सन्त कबीर नगर – इतिहास की पुनरावृत्ति अक्सर मिलता – जुलता रहता है़ जो लोग उसे नगण्य करने की कोशिश करते है़ वे उसके प्रभाव से बच नही पाते है़ बतौर उदाहरण जनपद सन्त कबीर नगर है़ जहां दो महाशक्तियां एक जिला प्रशासन दूसरा चौथा स्तम्भ पत्रकारिता है़ जिसके बीच कड़वाहट से लेकर देखा जाय तो वैमनस्यता बनी हुई है़ अभी हालिया मे नगर निकाय चुनाव पुनर्मतगणना हुआ था जिसमे एक तरफ जहां जिला प्रशासन द्वारा खबर कवरेज मे केवल मान्यता प्राप्त पत्रकारो का पास जारी कर अन्य सभी पत्रकारो के मौलिक अधिकार का हनन करते हुए उन्हे खबर संकलन से रोक दिया था वही वैश्विक महामारी कोविड 19 से प्रभावित मान्यता प्राप्त पत्रकार के जीवन से खेलते हुए स्वास्थ्य सेवा से वंचित कर दिया । हद तो तब और कर दिया जब इल्जाम के साथ पत्रकार के खिलाफ प्रार्थना पत्र देकर कानूनी कार्यवाही का पहल कर दिया गया । वही वक्त के पीछे जिला प्रशासन का वह कडुवाहट को लोग भूल नही पाये जिसमे संयुक्त जिला अस्पताल के दौरे पर आये प्रभारी मंत्री के दौरान पत्रकारो को खबर कवरेज करने से रोक दिया गया था जो पखवाड़े बाद एक कप चाय पार्टी के माध्यम से शिकवा – शिकायत खत्म कर कर्त्तव्य निर्वहन को बल दिया गया था ।
बहरहाल अब जब देश प्रदेश सहित जनपद का कोना – कोना महामारी के चपेट से बचने की कोशिश मे संक्रमित लोगो को इलाज के लिए संयुक्त जिला चिकित्सालय रुख कर रहा है़ तब उसके साथ सेवा भाव की जगह उदासीनता बरती जा रही है़ और खबर संकलन कर जनहित को देखते हुए सुव्यवस्था की गुजारिश कर रहे मीडिया को नोटिस देने की धमकी दी जा रही है़ देख लेने की बात कही जा रही है़ ।
अलबत्ता प्रशासन और मीडिया के बीच मधुर सम्बन्ध के बजाय वैमनस्यता बनी हुई है़ जबकि दायित्व की दृष्टि से ये उचित नही है़ । बेहतर विकास , अपराध भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का होना तभी सम्भव है़ जब प्रशासन और मीडिया का मधुर सम्बन्ध होगा ।