
नई दिल्ली:
राज्यसभा में भी तीन तलाक का बिल पास हो गया है।
ऐसे में अब इसके कानून बनने के लिए सिर्फ राष्ट्रपति की मंजूरी बाकी है। दरअसल तीन तलाक का मुद्दा नया नहीं हैं। ऐसे में बॉलीवुड में भी इस मुद्दे पर फिल्म के माध्यम से ध्यान आकर्षित किया गया है। एक नजर उन फिल्मों पर जिनमें दिखाया गया है तीन तलाक का मुद्दा…
निकाह
1982 में रिलीज हुई फिल्म निकाह तीन तलाक के मुद्दे पर ही आधारित है। बता दें कि इस फिल्म का नाम पहले ‘तलाक तलाक तलाक’ रखा गया था। लेकिन बाद में उसे बदल दिया गया। दरअसल बीआर चोपड़ा ने इस फिल्म के नाम बदलने के पीछे वजह बताई थी कि अगर किसी मुस्लिम शख्स ने अपनी पत्नी से बात करते हुए इस फिल्म का नाम तक अपने जुबां से लिया तो उसका तलाक हो जाएगा।
यानी अगर बीवी ने पूछा कि कौनसी फिल्म देखने जा रहे हो, तो पति कहेगा- तलाक तलाक तलाक, ऐसे में शरीयत के मुताबिक न जाने कितने लोगों का तलाक हो जाएगा। इसके बाद ही फिल्म का नाम निकाह रखा गया था। बता दें कि फिल्म में राज बब्बर, दीपक पाराशर और सलमा आगा लीड रोल में नजर आए थे।
चौदहवीं का चांद
गुरु दत्त और वहीदा रहमान की फिल्म चौदहवीं का चांद 1962 में रिलीज हुई थी। फिल्म लखनऊ की इस्लामिक संस्कृति पर आधारित थी।
फिल्म में गुरु दत्त और उनके दोस्त नवाब को वहीदा रहमान से प्यार हो जाता है। यहीं कहानी में मोड़ आता है जब दोस्ती के लिए एक शख्स अपनी मोहब्बत की कुर्बानी देता है और वहीदा को तलाक दे देता है।
मियां कल आना
‘मियां कल आना’ एक शॉर्ट फिल्म है। फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दिकी लीड रोल में नजर आए थे। यह 17 मिनट 20 सेकेंड की फिल्म है। इसे 18 जनवरी 2018 को यूट्यूब पर रिलीज किया गया था। इस फिल्म के बारे में नवाज ने कहा था- ‘तीन तलाक के बाद की मुस्लिम महिला हलाला के तहत क्या-क्या झेलती है। इसमें मुस्लिम औरत असहाय होकर सिर्फ एक वस्तु बनकर रह जाती है, फिल्म के जरिए यही दिखाने की कोशिश की गई है।’
हलाल
अमोल कगने, चिन्मय मंडेलकर, प्रीतम कगने और प्रियदर्शन जाधव स्टारर फिल्म हलाल 2017 में रिलीज हुई थी। शिवाजी लोटन पाटिल निर्देशित फिल्म की स्टोरी राजन खान ने लिखी थी।