
माइक्रोफाइलेरिया से संक्रमित शरीर में ही होती है दवा खाने से परेशानी
· ज्यादा संक्रमण होने पर पेट दर्द, उल्टी, मितली, चक्कर आने के साथ ही चकत्ते पड़ना व दिल तेज धड़कने जैसी होती है समस्या
· दवा से होने वाली दिक्कत से घबराए नहीं, यह दवा शरीर में नष्ट करती है माइक्रोफाइलेरिया
संतकबीरनगर, 24 फरवरी 2020
जितेन्दर चौधरी

अगर आपको फाइलेरिया की दवा खाने से पेट दर्द, उल्टी, मितली, चक्कर आना, चकत्ते पड़ना और दिल तेज धड़कने जैसी समस्या होती है तो आप घबराए नहीं बल्कि यह आपके शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद होने का सबूत है। दवा आपके शरीर में फैले संक्रमण को खत्म करती है, तभी इस तरह की समस्या आती है। अपर निदेशक, मलेरिया एवं वेक्टर बोर्न डिजीज़, डॉ बिन्दु प्रकाश सिंह ने विभिन्न स्थानों पर दवा खाने से कुछ लोगों को होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यह जानकारी दी।
उन्होने आम जनता से अपील की है कि सभी लोग निश्चिंत होकर फाइलेरिया रोधी दवा खाएं। इस दवा से कोई नुकसान नहीं होता है। इस दवा से परेशानी सिर्फ उन्हीं को होती है जिनके भीतर फाइलेरिया के वाहक माइक्रोफाइलेरिया मौजूद हैं और दवा के असर से उनका खात्मा होने लगता है। ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर सीएचसी-पीएचसी पर रैपिड रिस्पांस टीम बनी हुई है जो फौरन मदद कर रही है। उन्होने लोगों से आपील की है कि फाइलेरिया की दवा खाली पेट न खाएं और स्वास्थ्यकार्यकर्ता के सामने ही खाएं। यह दवा गर्भवती, गंभीर रूप से बीमार लोगों और 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं खिलानी है।
वर्षों शरीर में पड़े रहते हैं पैरासाइट्स
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि क्यूलेक्स नामक मच्छर वाउचेरिया ब्राक्फटाई नामक पैरासाइट का संक्रमण मरीज से स्वस्थ व्यक्ति में करता है। यह फाइलेरिया का वाहक है जो गंदगी में पाया जाता है। इसके पैरासाइट्स 20 साल तक शरीर में पड़े रहते हैं। अगर पांच साल तक डाईएथाइल कार्बामाजिन (डीईसी) नामक दवा का सेवन एल्बेंडाजोल गोली के साथ किया जाए तो इस बीमारी से प्रतिरक्षित हो सकते हैं। अभियान के दौरान इन्हीं दवाओं का सेवन करवाया जा रहा है। इसीलिए यह दवा खिलाई जा रही है।
भारत सरकार के प्रतिनिधि ने किया अभियान का निरीक्षण
जिले में चलाए जा रहे फाइलेरिया अभियान के पर्यवेक्षण के लिए भारत सरकार के राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के प्रतिनिधि आशीष कुमार ने जिले के खलीलाबाद और बघौली क्षेत्र में निरीक्षण किया । इस दौरान उन्होने खलीलाबाद के मान्यवर कांशीराम आवास योजना और बघौली ब्लाक के सीहटीकर में स्थितियों को देखा। इस दौरान उन्होने पाया कि फाइलेरिया निरोधी दवा पूरे निश्चित कार्ययोजना के तहत खिलाई जा रही है। साथ ही सभी आशा कार्यकर्ता दवाएं लोगों को अपने सामने ही खिला रहे हैं। इस दौरान उनके साथ जिला सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील चौधरी के साथ ही अन्य लोग भी उपस्थित रहे। वे रोज होने वाली फाइलेरिया अभियान की समीक्षा बैठक में भी पहुंचे तथा सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ ए के सिन्हा के साथ इस बैठक में प्रतिभाग किया।
चित्र परिचय –
- बखिरा क्षेत्र के सीहटीकर गांव में फाइलेरिया की दवा खिलाने के कार्यक्रम का स्थलीय मूल्यांकन करते हुए भारत सरकार के प्रतिनिधि
- फाइलेरिया की दैनिक समीक्षा बैठक में भाग लेते हुए वेक्टर बार्न विभाग के भारत सरकार के प्रतिनिधि
