
निजीकरण की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की आशंका देखते हुए मुख्य मंत्री से हस्तक्षेप की मांग:ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने की बिडिंग के विरोध में 03 मार्च को प्रदेश भर में होंगे व्यापक विरोध प्रदर्शन
संत कबीर नगर

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने 03 मार्च को प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर व्यापक विरोध प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार 93वें दिन प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध सभाएं हुई ।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने उप्र में बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी से हस्तक्षेप करने की मांग की है। संघर्ष समिति का कहना है कि निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया में सीवीसी की गाइडलाइंस का खुला उल्लंघन किया जा रहा है ।
पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा इस हेतु बनाई गए आर एफ पी डॉक्यूमेंट में पहले कांफलिट ऑफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) का प्राविधान था जिसे अब हटा दिया गया है। इससे यह आशंका और मजबूत हो जाती है कि ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति में हितों के टकराव की नीति का उल्लंघन कर बड़ा घपला करने की तैयारी है ।
संघर्ष समिति ने कहा कि हितों के टकराव की नीति को छोड़ देने से इस बात की संभावना बलवती हो जाती है कि निजीकरण हेतु टेंडर भरने वाली कंपनी से जुड़ी हुई किसी संस्था को ही ट्रांजैक्शन कंसलटेंट का काम दिया जाने वाला है। यदि ऐसा होता है तो यह उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण में बहुत बड़े घोटाले की शुरुआत होगी।
संघर्ष समिति ने कहा कि 42 जनपदों की लाखों करोड़ रुपए की बिजली की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किए बगैर निजीकरण की प्रक्रिया किस आधार पर आगे बढ़ाई जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन और शासन में बैठे हुए कुछ लोगों की निजी घरानों के साथ मिली भगत है ।इसी दृष्टि से कंसल्टेंट की नियुक्ति में हितों के टकराव के प्रावधान की छूट दी गई है और बड़े घोटाले की तैयारी हो रही है ।
संघर्ष समिति ने इस घोटाले के विरोध में आगामी तीन मार्च को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। 03 मार्च को समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर भोजन अवकाश के दौरान शिफ्ट को छोड़कर शत प्रतिशत कर्मचारी और इंजीनियर अपने कार्यालय के बाहर आएंगे और एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे। राजधानी लखनऊ में स्थित समस्त कार्यालयों के बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियन्ता शक्ति भवन मुख्यालय पर विरोध सभा करेंगे । उधर आज लगातार 93वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन जारी रखा। आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किया गया।
आज सन्तकबीर नगर में निजिकरण के विरोध सभा में इं0 राजेश कुमार, इं0 मनोज कुमार, इं0 लक्ष्मण मिश्र, इं0 मुकेश गुप्ता, धीरेंद्र यादव, सुनील प्रजापति, नारायण चन्द्र चौरसिया, हिफजुर्रहमान अंसारी, संजय यादव, आशीष कुमार,दिलीप सिंह, राघवेन्द्र, राजकुमार (संविदा कर्मी), लालचन्द यादव, दिनेश चन्द्र, विवेक पासवान, महेन्द्र जायसवाल, श्रवण प्रजापति,मनोज कुमार, विजय कुमार, दुर्गेश राय, लालचंद यादव, अभिषेक मणि त्रिपाठी, निखिल श्रीवास्तव, विभव रंजन श्रीवास्तव, प्रदुम्न कुमार, संतोष कुमार, योगेन्द्र चौहान, श्रवण कुमार प्रजापति, रीतेश, श्रीराम, संतोष कसौधन, प्रिन्स गुप्ता, विरेन्द्र मौर्या, मनीष मिश्रा, रंजन कुमार, दिलिप मौर्या आदि सम्मिलित रहे ।
(इं0 मुकेश गुप्ता)
संयोजक
सन्तकबीर नगर
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने 03 मार्च को प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर व्यापक विरोध प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार 93वें दिन प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध सभाएं हुई ।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने उप्र में बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी से हस्तक्षेप करने की मांग की है। संघर्ष समिति का कहना है कि निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया में सीवीसी की गाइडलाइंस का खुला उल्लंघन किया जा रहा है ।
पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा इस हेतु बनाई गए आर एफ पी डॉक्यूमेंट में पहले कांफलिट ऑफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) का प्राविधान था जिसे अब हटा दिया गया है। इससे यह आशंका और मजबूत हो जाती है कि ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति में हितों के टकराव की नीति का उल्लंघन कर बड़ा घपला करने की तैयारी है ।
संघर्ष समिति ने कहा कि हितों के टकराव की नीति को छोड़ देने से इस बात की संभावना बलवती हो जाती है कि निजीकरण हेतु टेंडर भरने वाली कंपनी से जुड़ी हुई किसी संस्था को ही ट्रांजैक्शन कंसलटेंट का काम दिया जाने वाला है। यदि ऐसा होता है तो यह उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण में बहुत बड़े घोटाले की शुरुआत होगी।
संघर्ष समिति ने कहा कि 42 जनपदों की लाखों करोड़ रुपए की बिजली की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किए बगैर निजीकरण की प्रक्रिया किस आधार पर आगे बढ़ाई जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन और शासन में बैठे हुए कुछ लोगों की निजी घरानों के साथ मिली भगत है ।इसी दृष्टि से कंसल्टेंट की नियुक्ति में हितों के टकराव के प्रावधान की छूट दी गई है और बड़े घोटाले की तैयारी हो रही है ।
संघर्ष समिति ने इस घोटाले के विरोध में आगामी तीन मार्च को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। 03 मार्च को समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर भोजन अवकाश के दौरान शिफ्ट को छोड़कर शत प्रतिशत कर्मचारी और इंजीनियर अपने कार्यालय के बाहर आएंगे और एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे। राजधानी लखनऊ में स्थित समस्त कार्यालयों के बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियन्ता शक्ति भवन मुख्यालय पर विरोध सभा करेंगे । उधर आज लगातार 93वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन जारी रखा। आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किया गया।
आज सन्तकबीर नगर में निजिकरण के विरोध सभा में इं0 राजेश कुमार, इं0 मनोज कुमार, इं0 लक्ष्मण मिश्र, इं0 मुकेश गुप्ता, धीरेंद्र यादव, सुनील प्रजापति, नारायण चन्द्र चौरसिया, हिफजुर्रहमान अंसारी, संजय यादव, आशीष कुमार,दिलीप सिंह, राघवेन्द्र, राजकुमार (संविदा कर्मी), लालचन्द यादव, दिनेश चन्द्र, विवेक पासवान, महेन्द्र जायसवाल, श्रवण प्रजापति,मनोज कुमार, विजय कुमार, दुर्गेश राय, लालचंद यादव, अभिषेक मणि त्रिपाठी, निखिल श्रीवास्तव, विभव रंजन श्रीवास्तव, प्रदुम्न कुमार, संतोष कुमार, योगेन्द्र चौहान, श्रवण कुमार प्रजापति, रीतेश, श्रीराम, संतोष कसौधन, प्रिन्स गुप्ता, विरेन्द्र मौर्या, मनीष मिश्रा, रंजन कुमार, दिलिप मौर्या आदि सम्मिलित रहे ।
(इं0 मुकेश गुप्ता)
संयोजक
सन्तकबीर नगर
निजीकरण की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की आशंका देखते हुए मुख्य मंत्री से हस्तक्षेप की मांग:ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने की बिडिंग के विरोध में 03 मार्च को प्रदेश भर में होंगे व्यापक विरोध प्रदर्शन
संत कबीर नगर