
👉 बच्चों के शिक्षा व्यवस्था में व्यवधान डालने के साथ-साथ बैठने की जगह और टाट पर भी किया कब्जा

संतकबीरनगर : जनपद में जिला विकास अधिकारी के निर्देशन में ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए मनरेगा कार्य के तहत विकास से संबंधित सोशल आडिट टीम द्वारा ऑडिट कराई जा रही है। बताते चलें कि विकासखंड खलीलाबाद के ग्राम पंचायत करेमुआ माफी में ग्राम पंचायत में पंचायत भवन न बने होने के कारण गाँव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षण कार्य को बाधित करते हुए ग्राम प्रधान द्वारा शिक्षकों पर दबाव डालते हुए स्कूल के ही टाट पट्टी पर बच्चों के बीच में ग्रामीणों को बैठाकर जनपद में चर्चित ऑडिटर के द्वारा ऑडिट सम्पन्न करा दिया गया। मौके पर एमआईएस रिपोर्ट के अलावा ग्राम पंचायत द्वारा कोई भी अभिलेख उपलब्ध नहीं रहा।पूछने पर ग्राम प्रधान ने बताया कि ग्राम पंचायत में कराए गए किसी भी कार्यों का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है।जिससे सारी फाइलें अभी ब्लॉक में लगी हुई है । शासन के निर्देशो को माने तो यह पूरी तरह से गलत है की स्कूल समय में ग्राम प्रधान द्वारा बच्चों के शिक्षक कार्यों में व्यवधान पैदा करते हुए उन्हीं की टाट पट्टी पर ग्रामीणों को बैठाकर अपने चहेतों लोगों के साथ टीम द्वारा शोशल ऑडिट को सम्पन्न कर दिया गया।जबकी शाशन ने यह निर्देशित किया है कि अगर किसी ग्राम पंचायत में पंचायत भवन नहीं है तो ऐसे सूरत में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षण कार्य समाप्त होने के बाद सोशल ऑडिट का कार्य किया जा सकता है ।लेकिन शाशन के निर्देशो को दरकिनार करते हुए शोशल ऑडिट टीम द्वारा यह बताया गया कि सोशल ऑडिट टीम का सक्रिय सदस्य जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी होता है। ऐसी सूरत में हम विद्यालय का प्रयोग कर सकते हैं ।अब यह संबंधित लोग ही बता पाएंगे कि क्या ऐसा कोई प्रावधान है या नहीं ।अगर नहीं है तो बच्चों के शिक्षण कार्यों में ग्राम प्रधान व सोशल ऑडिट टीम द्वारा व्यवधान क्यों पहुंचाई गई।
रिपोर्ट: के के मिश्र