
सन्त कबीर नगर ( मेहदावल ) यह कहना गलत नही होगा कि सरकार भी नियम बनाने मे कही – कही बड़ी चूक के मुहाने पर देखी जाती है । जिसका प्रमाण सोशल आडिट निदेशालय द्वारा सामाजिक अंकेक्षण है जो दो पहर मे होने जाने वाले सोशल आडिट टीम को तीन दिन का समय दिया है । जनपद की कुछ सोशल आडिट टीमे इस नियम को गलत ठहराने मे पुरजोर कोशिश कर रही है मसलन विकास खण्ड मेहदावल के ग्राम पंचायत कुसौना खुर्द मे हुआ दो पहर का सोशल आडिट है जिसमे टीम द्वारा मिले नियमानुसार तीन दिन को दो पहर मे समेट दिया है । बताया जाता है कि सोशल आडिट टीम द्वारा 2020/2021 के ग्राम पंचायत के लाभकारी व विकासशील कार्य के सामाजिक अंकेक्षण को दो दिन के भौतिक सत्यापन के बजाय महज एक दिन के एक पहर मे कर लिया गया वही ग्रामीणो के बीच होने वाले पारदर्शिता , सहभागिता एवं जवाबदेही के बैठक क्रम मे एक पहर के मात्र दो घंटे मे सम्पन्न करा दिया गया है वही ऐसा ही एक उदाहरण ग्राम पंचायत कौवाठोर का रहा है जहां का सोशल आडिट बैठक दो घंटे मे सम्पन्न हो गया । इसी क्रम मे पूर्व मे हुए ग्राम पंचायत दुर्गजोत रहा है जहां के 94 पी एम आवास के भौतिक सत्यापन को मझधार मे छोड़कर दो घंटे मे अन्य मनरेगा कार्य को देखते हुए बैठक सम्पन्न हो चुका है । हालांकि सभी टीमे इस मुकाम तक नही पहुंच पा रही है जनपद के शिरमौर कोआर्डिनेटर खलीलाबाद देवेंद्र कुमार त्रिपाठी व कोआर्डिनेटर बघौली अखिलेश शर्मा की टीम को तीन दिन के समय मे लोहे के चने चबाने पड़ते है । इनके द्वारा नियमानुसार पारदर्शिता , सहभागिता एवं जवाबदेही के सामाजिक अंकेक्षण मे भौतिक सत्यापन , जन जागरूकता व जनता के बीच बिन्दुवार समीक्षा व उनकी समस्याओ को जानने के अनुपालन मे तीन दिन का समय लग ही जाता है । रिपोर्ट:- के के मिश्रा