
स्नातकों के हितों के लिए कृत संकल्पित हूं- डॉ.रागिनी पाण्डेय
सरकार स्नातकों के लिए युवा नियोजन नीति एवम पुरानी पेंशन लागू करे।

नई दिल्ली।
सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में सम्मिलित करने व बेरोजगार स्नातकों के लिए रोजगार की गारंटी दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश ग्रेजुएट एसोसिएशन कृत संकल्पित है। उक्त बातें उत्तर प्रदेश ग्रेजुएट एसोसिएशन की संयोजिका होनरेरी डॉ. रागिनी पाण्डेय ने एक विज्ञप्ति में कही।उन्होंने कहा कि भारत सरकार से देश के स्नातकों के हितों के संवर्धन एवं संरक्षण हेतु नौ सुत्रीय मांग पत्र जारी कर मांगे पूरी होने तक चरणबद्ध तरीके से देश व्यापी जागरुकता अभियान चलाने जा रही है। जागरुकता अभियान के प्रथम चरण में कोरोना नियमों को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया एवं लाइव कार्यक्रमों के माध्यम से स्नातकों को जागरूक एवम सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों से मुलाकात कर उन्हें जागरूक किया जाएगा। प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर संगठन को मजबूती से क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि
देश की संसद द्वारा बनायी गयी नीतियों के तहत सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में उन्हीं के द्वारा बनाये गये पाठ्यक्रमों में हम प्रवेश लेते हैं। अपनी जिन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा एक सुनहरी सोच और मा -बाप की उम्मीदों के साथ तन-मन-धन अर्पित करके स्नातक की डिग्री प्राप्त कर स्नातक बनते हैं। डिग्री मिलने के बाद पूरे जोश के साथ समर्पित होकर रोजगार की तलाश करते हैं पर मात्र कुछ प्रतिशत लोगों को ही उसमें सफलता मिलती है।सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन सबके पीछे दोषी कौन है? हम स्नातकों की गलती क्या है? हमने देश की संसद द्वारा बनायी गयी शिक्षा व्यवस्था में अपना खून-पसीना बहाकर अपने स्वर्णिम भविष्य के लिए स्नातक की डिग्री प्राप्त की, फिर हमें मिला क्या? हताशा, निराशा और कुंठा। हमें घिस-घिस कर अपना जीवन जीने के लिए अन्तहीन अंधेरी गलियों में छोड़ दिया गया, जो अब हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम स्नातक अपना हक लेकर ही रहेंगे।
यदि बिना पढ़े-लिखे लागों को मनरेगा के तहत रोजगार की गारण्टी मिल सकती हैं तो हम पढ़े-लिखे स्नातकों को क्यों नहीं? अफसोस कि बात है कि स्नातक की डिग्री मिलने के बाद भी अंधकार भरा सफर खत्म नहीं होता और बेराजगारी का दंश झेलने को हमें मजबूर होना पड़ता है। हमें परिवार और समाज के व्यंग का शिकार होना पड़ता है।
हम स्नातकों ने संकल्प लिया है कि उत्तर प्रदेश ग्रेजुएट एसोसिएशन के तत्वावधान में एकजुट हो एक मंच पर अपने अधिकारों की लड़ाई खुद ही लड़ेंगे।