
भय और भ्रांतियों के बीच फैल रहा कोरोना और उसका डर
· सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फर्जी मैसेज
· आइये जाने विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या कहता है
संतकबीरनगर ,24 मार्च 2020
जितेन्द्र चौधरी

जिस तेजी के साथ कोरोना अपने पांव पसार रहा है। उसी गति से भय और भ्रांतियां भी सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रहीं हैं। इसमें से कुछ सच हैं तो कुछ कोरे अफवाह, जो इस महामारी के बीच फैले हुए डर, अनिश्चितता और उहापोह की स्थिति को और बढ़ा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है कि ‘मौसम का तापमान बढ़ने के साथ ही कोराना का प्रकोप कम हो जाएगा।’ इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव के हवाले से कोरोना के लिए बनाई गई रैपिड रिस्पांस टीम के प्रभारी डॉ ए के सिन्हा कहते हैं कि तापमान बढ़ने का कोई असर कोरोना वायरस पर होता है अथवा नहीं इस बात का भी कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। कोरोना वायरस दुनिया भर में 168 देशों में फैल चुका है जिनमें ग्रीनलैंड जैसे ठंडे देश भी है तो दुबई जैसे गर्म शहर भी, मुंबई जैसे ह्यूमिड शहर भी हैं तो दिल्ली जैसे सूखे शहर भी हैं।
इसके अलावा वायरल मैसेज में यह भी दावा किया गया है कि गर्मी की मदद से कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है। इसी दावे में पीने और नहाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है। चर्चाओं के बीच यह भी कहा जा रहा है कि यह सलाह यूनिसेफ ने दी है। यूनिसेफ के लिए काम कर रहीं चार्लेट गोर्निज्क ने एक निजी समाचार एजेंसी को दिए अपने साक्षात्कार में इस दावे को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि आइस्क्रीम, कोल्ड ड्रिंक और अन्य ठंडी चीजों से दूर रहकर इस वायरस से बचा जा सकता है, इस तरह का भी कोई मैसेज यूनिसेफ द्वारा नहीं जारी किया गया है, यह मैसेज पूरी तरह से झूठा है।
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