
संक्रामक रोगों पर निगरानी रखेगा पोर्टल
– क्षेत्र विशेष में रोगियों के मिलने पर होगी त्वरित निरोधात्मक कार्यवाही
– पोर्टल के संचालन के लिए प्रशिक्षित किए गए जिले के सारे चिकित्सक
संतकबीरनगर, 31 अक्टूबर 2019
जितेन्द्र चौधरी


संक्रामक रोगों पर निगरानी के लिए इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फार्मेशन प्लेटफार्म ( आईएचआईपी ) पोर्टल बनाया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविन्द सिंह ने कहा कि क्षेत्र विशेष में 45 प्रमुख संक्रामक रोगों में से किसी भी प्रकार के रोगों से ग्रसित कोई भी व्यक्ति पाया जाता है, या फिर इन बीमारियों के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरन्त ही इस पोर्टल पर फीडिंग की जाएगी। इससे रोगों के पहचान में आसानी होने के साथ ही क्षेत्र विशेष में टीमों को भेजकर त्वरित निरोधात्मक कार्यवाही कराई जा सकेगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने यह बातें आईडीएसपी कार्यक्रम के तहत आईएचआईपी पोर्टल के संचालन के लिए आयोजित चिकित्साधिकारियों की कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कही । इस दौरान जिले के इपिडेमियोलाजिस्ट ( महामारी रोग विशेषज्ञ ) डॉ मुबारक अली ने कहा – सभी चिकित्सालयों से संभावित रोगियों की प्रयोगशाला परीक्षण की फीडिंग भी रोगियों के उपचार के साथ साथ की जानी है। जनपद स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम तथा ब्लाक स्तर पर भी एक रैपिड रिस्पांस टीम का गठन कर लिया गया है। सभी टीमें संक्रामक रोगों के सभी प्रकार के उपचारात्मक व निरोधात्मक कार्यवाही के लिए जबावदेह होंगी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान ने कहा कि सभी चिकित्साधिकारी आईएचआईपी पोर्टल पर फीड कराने के लिए निदान अपनी पंजिका में अवश्य अंकित करें। इस दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से पोर्टल के संचालन की क्रिया विधि भी बताई गई।
कार्यशाला में एसीएमओ वेक्टर वार्न डॉ वी पी पाण्डेय, डॉ सियाराम यादव, डॉ अंजू मिश्रा, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह के साथ ही सभी प्रमुख चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।
एएनएम भी करेंगी अपने क्षेत्र में फीडिंग
जिला सर्विलेंस अधिकारी डॉ ए के सिन्हा ने बताया कि आईएचआईपी पोर्टल पर एएनएम के द्वारा भी फीडिंग की जाएगी। एएनएम को जो टैबलेट दिया गया है, उसका आईडी और पासवर्ड भी उन्हें दिया गया है। इसी के जरिए आईएचआईपी पोर्टल पर भी जानकारी फीड करके रिपोर्टिंग की जाएगी।
क्या है शासन की मंशा
एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा ने बताया कि शासन की मंशा है कि अचानक किसी क्षेत्र में डिप्थीरिया, परट्यूसिस, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के लक्षणों से पीडि़त मरीज आते हैं तो इसकी सूचना जिले से लेकर प्रदेश तक के विशेषज्ञों को प्राप्त हो जाए। इसके बाद उस क्षेत्र में त्वरित कार्यवाही की जा सके।