
संतकबीरनगर / सेमरियावां

शिक्षा दिवस के अवसर पर विकास खण्ड सेमरियावाँ अन्तर्गत जूनियर हाई स्कूल में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मुजीब बस्तवी ने और संचालन मुहम्मद सलमान आरिफ नदवी ने किया। फुज़ैल अहमद नदवी की तिलावत से बैठक की शुरूआत हुई, नात मुजीब बस्तवी ने पढ़ी। मुहम्मद अहमद ज़िला पंचायत सदस्य ने कहा कि मौलाना आज़ाद का आज जन्मदिन है जिसे शिक्षा दिवस के रूप में मनाने के लिए हम इकट्ठा हुए हैं। मौलाना आजाद ने देश के लिए अनगिनत काम किए। स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़ कर भाग लिया। हमें चाहिए कि उन की जीवनी पढ़ें, और उन से सीख लें। और शिक्षा को बढ़ावा देते हुए उन्नति के पथ पर अग्रसर रहें।
ज़फीर अली कर्ख़ी ने कहा कि अक्तूबर व नवम्बर माह में चार ऐसी महान हस्तियों ने जन्म लिया जिन्हें इतिहास में सदा याद किया जाता रहेगा। सर सय्यद अहमद खान जिन के शिक्षा क्षेत्र में किए गए प्रयासों से संसार लाभान्वित हो रहा है। प्रसिद्ध कवि अल्लामा इक़बाल, राकेट के आविष्कारक टीपू सुल्तान और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जिन को याद करने के लिए आज हम इकट्ठा हुए हैं।
मुजीब बस्तवी ने शिक्षा के विषय पर एक कविता प्रस्तुत की।
ना हो तालीम तोयह ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती।
हमारे मुल्क में यह नाखांदगी अच्छी नहीं लगती।
ताल्लुक इल्म से रखना बुलन्दी की अलामत है।
जहालत से तुम्हारी दोस्ती अच्छी नहीं लगती।
मुजीब आओ चलें तालीम दें अनपढ़ घरानों को।
जहालत की जहाँ में पैरवी अच्छी नहीं लगती।
हमूद समी ने कहा कि शिक्षा मनुष्य के जीवन को संवारती है। जो लोग शिक्षा को अपना ओढ़ना बिछौना बनाते हैं वही सफलता प्राप्त करते हैं।
मुहम्मद सलमान आरिफ नदवी ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आज़ाद 11 नवम्बर सन 1888 में मक्का नगर में पैदा हुए। जब कि आप के माता पिता वहीं ठहरे हुए थे। आप महान विद्वान, वक्ता, इतिहासकार, लेखक और अनुभवी राजनेता थे। यदि भारतीय उलमा ने मौलाना आजाद की तरह सियासत में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया होता तो आज देश में मुसलमानों की यह गई गुज़री हालत न होती।
इस अवसर पर फुज़ैल अहमद नदवी प्रबन्धक अलहिरा ग्लोबल एकेडमी सेमरियावां, रिज़वान मुनीर संयोजक युवा संघर्ष समिति, सलमान उमर, इक्रामुद्दीन, मुहम्मद आरिफ आदि उपस्थित रहे।